10th Class Hindi ( ହିନ୍ଦୀ ) - Poem-Chapter-1(a) कबीरदास के दोहे All Question With Answer

↓ Question & Answer ↓

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए।
( ତିନ୍ ୱାର୍କୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ।)
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ।)

(क) साँच या सत्य के बारे में कबीर ने क्या कहा है?
(ସାଁଚ ୟା ସତ୍ୟ କେ ବାରେ ମେଁ କବୀର ନେ କ୍ୟା କହା ହୈ ?)

उत्तर:
साँच या सत्य के बारे में कबीर ने कहा है कि: सत्य हमेशा महान होता है। सत्य के समान इस संसार मे कोई तपस्या या ज्ञान नहीं है। जो सत्यवादी होता है, उसका हृदय निर्मल होता है और भगवान का निवास उसके हृदय में होता है। समाज में उसका आदर होता है।


(ख) बुराई करनेवालों की भलाई क्यों करनी चाहिए?
(ବୁରାଈ କରନେବାଲୈ କି ଭଲାଈ କୈ କରନୀ ଚାହିଏ ?)

उत्तर:
बुराई करनेवालों की भलाई इसलिए करनी चाहिए क्योंकि भलाई करने पर बुराई करनेवालों को अच्छा फल मिलता और उनकी बुराई का उन्हें बुरा फल मिलता है। परिणाम स्वरूप वे अपनी करनी पर लज्जित होते हैं और खुद को सुधारने की चेष्टा करते हैं।


(ग) धीरे – धीरे सबकुछ कैसे होता है इसके लिए कवि ने कौन सा -उदाहरण दिया है?
(ଧୀରେ-ଧୀରେ ସବୁକୁଛ୍ କୈସେ ହୋତା ହୈ: ଇସ୍କେ ଲିଏ କବି ନେ କୌନ୍ ସା ଉଦାହରଣ)

उत्तर:
माली के सौ घड़ा पानी सींचने पर भी किसी भी पेड़ में समय से पहले फल नहीं लगते। इसके लिए ऋतु की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। उसी प्रकार धीरे धीरे सबकुछ करना चाहिए और उसके लिए धैर्य की आवश्यकता है। कवि ने यही उदाहरण देकर कहा है।


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2. निम्नलिखित पदों के अर्थ दो-तीन वाक्यों में स्पष्ट कीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ପଦୌ କେ ଅର୍ଥ ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାର୍କୋ ମେଁ ସ୍ପଷ୍ଟ କୀଜିଏ?)
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ପଦଗୁଡ଼ିକର ଅର୍ଥ ଦୁଇ-ତିନି ବାକ୍ୟରେ ସ୍ପଷ୍ଟ କର।)

(क) जाके हिरदै साँच है, ताके हिरदै आप।
(ଜାକେ ହିରଦୈ ସାଁଚ୍ ହୈ, ତାକେ ହିରଦୈ ଆପ୍ ।)

उत्तर:
जिसके हृदय में सत्य का निवास है अर्थात् जो हमेशा सत्य बोलता है।, उसका हृदय निर्मल और पाप रहित होता है। कवि के अनुसार उसी व्यक्ति के निर्मल हृदय में भगवान विराजमान करते हैं।


(ख) जो तोको काँटा बुबै ताहि बोय तू फूल।
(ଜୋ ତୋକୋ କାଁଟା ବୁବୈ ତାହି ବୋୟ ତୁ ଫୁଲ୍ ।)

उत्तर:
कवि के अनुसार जो तुम्हारे रास्ते में काँटा बोता है, अर्थात् तुम्हारी बुराई करता है, तुम उसके रास्ते में फूल बिछा दो अर्थात् उसकी भलाई करो। परिणामस्वरूप तुम्हारी अच्छाई से उसे अच्छा फल तो मिलेगा ही और उसकी बुराई से भी उसे बुरा फल मिलेगा। इससे प्रमाणित होता है कि अच्छा काम करने वालों को अच्छा फल मिलता है और बुरे काम करनेवालों को बुरा फल मिलता है।


(ग) माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय।
(ମାଲୀ ସ୍ତ୍ରୀଚେ ସୌ ଘଡ଼ା, ଋତୁ ଆଏ ଫଲ୍ ହୋୟ।)

उत्तर:
कबीरदास कहते हैं कि माली के सौ घड़ा पानी सींचने पर भी किसी भी पेड़ में समय के पहले फल नहीं लगते, उसे ऋतु या समय की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। अर्थात् कोई भी काम समयानुसार ही होता है। समय से पहले कोई काम नहीं होता।


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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନୋ କେ ଉତ୍ତର ଏକ୍-ଏକ୍ ୱାକ୍ୟ ମେଁ ଦୀଜିଏ ।)
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ-ଗୋଟିଏ ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) किसके बराबर तप नहीं है?
(କିସ୍‌ ବରାବର ତପ୍ ନର୍ଜୀ ହୈ ?)

उत्तर:
सच के बराबर तप नहीं है।


(ख) झूठ के बराबर क्या नहीं है?
(ଝୁଠ୍ କେ ବରାବର କ୍ୟା ନହୀ ହୈ ?)

उत्तर:
झूठ के बराबर पाप नहीं है।


(ग) जिसके हृदय में साँच है, उसके हृदय में कौन होते हैं?
(ଜିସ୍‌ ହୃଦୟ ମେଁ ସୌଚ୍ ହୈ, ଉତ୍ସକେ ହୃଦୟ ମେଁ କୌନ୍ ହୋତେ ହେଁ ?)

उत्तर:
जिसके हृदय में साँच है, उसके हृदय में आप अर्थात् भगवान विराजमान होते हैं।


(घ) झूठ की तुलना किसके साथ की गई है?
(ଝୁଠ୍ କୀ ତୁଲନା କିସ୍କେ ସାଥ୍ କୀ ଗଈ ହୈ ?)

उत्तर:
झूठ की तुलना पाप के साथ की गई है।


(ङ) साँच की तुलना किसके साथ की गई है?
(ସଁଚ୍ କୀ ତୁଲନା କିସ୍‌ ସାଥ୍ କୀ ଗଈ ହୈ ?)

उत्तर:
साँच की तुलना तप के साथ की गई है।


(च) जो तेरे रास्ते पर काँटा बोता है, तुझे उसके लिए क्या करना चाहिए?
(ଜୋ ତେରେ ରାସ୍ପେପର୍ କାଁଟା ବୋତା ହୈ, ତୁଝେ ଉସ୍କେ ଲିଏ କ୍ୟା)

उत्तर:
जो तेरे रास्ते पर काँटा बोता है, तुझे उसके लिए फूल बिछाना चाहिए।


(छ) पेड़ में कब फल लगते हैं?
(ପେଡ଼୍ ମେଁ କବ୍ ଫଲ୍ ଲଗ୍‌ ହେଁ ?)

उत्तर:
पेड़ में वक्त आने पर फल लगते हैं।


(ज) कौन सौ घड़े पानी सींचता है?
(କୌନ୍ ସୌ ଘଡ଼େ ପାନୀ ସୀତା ହୈ ?)

उत्तर:
माली सौ घड़े पानी सींचता है।


(झ) इन दोहों के रचयिता कौन हैं?
(ଇନ୍ ଦୋର୍ଡୋ କେ ରଚୟିତା କୌନ୍ ହେଁ ?)

उत्तर:
इन दोहों के रचयिता कबीरदास हैं।


(ञ) प्रथम दोहे में ‘आप’ शब्द का क्या अर्थ है?
(ପ୍ରଥମ ଦୋହ ମେଁ ‘ଆପ୍’ ଶବ୍ଦ କା କ୍ୟା ଅର୍ଥ ହୈ ?)

उत्तर:
प्रथम दोहे में ‘आप’ शब्द का अर्थ ईश्वर है।


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भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

1. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत या बिलोम शब्द लिखिए :
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବିପରୀତ (ବିଲୋମ) ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
साँच, पाप, बुरा, धीर, काँटा

उत्तर:
साँच – झूठ
धीर – अधीर
पाप – पुण्य
काँटा – फूल
बुरा – भला


2. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द कोष्ठक से चुन कर लिखिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ସମାନାର୍ଥୀ ଶବ୍ଦ ବନ୍ଧନୀ ମଧ୍ଯରୁ ବାଛିକରି ଲେଖ: )
बराबर, झूठ, पाप, हृदय, फूल, घड़ा, ऋतु
( मौसम, समान, कलुष, दिल, पुष्प, घट)

उत्तर:
बराबर – समान
हृदय – दिल
झूठ – मिथ्या
फूल – पुष्प
पाप – कलुष
घड़ा – घट


3. निम्नलिखित शब्दों के बचन बदलिए:
(ନିମ୍ନଲିଖୂତ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବଚନ ପରିବର୍ତ୍ତନ କର: )
पाप, फूल, फल, माली, घड़ा, काँटा, ऋतु

उत्तर:
पाप – पाप
माली – माली
ऋतु – ऋतुएँ।
फूल – फूल
घड़ा – घड़े
फल – फल
काँटा – काँटे


4. इन शब्दों के खड़ीबोली रूप लिखिए:
(ଏହି ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ଖଢ଼ୀବୋଲୀ ରୂପ ଲେଖ : )
साँच, जाके, हिरदै, तोको, बुबै, बाको, होय

उत्तर:
साँच – सच
तोको – तुझको
जाके – जिसके
हिरदै – हृदय
बुबै – बोए
बाको – उसको
होय – होता।


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