10th Class Hindi ( ହିନ୍ଦୀ ) - Poem-Chapter 1 (c) तुलसीदास के दोहे All Question With Answer
↓ Question & Answer ↓
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए। (ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନୋ କେ ଉତ୍ତର ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାର୍କୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ।) (ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ।)
(क) कठोर वचन का क्यों परिहार करना चाहिए?
(କଠୋର୍ ବଚନ୍ କା ର୍ଯ୍ୟା ପରିହାର୍ କର୍ନା ଚାହିଏ?)
उत्तर:
कठोर वचन सबको दुःख पहुँचाता है। परिवेश को अशान्त कर देता है। कठोर वचन से दूसरों को पीड़ा पहुचती है इसलिए कठोर वचन को परिहार करके मीठे वचन बोलना चाहिए।
(ख) मीठे वचन से क्या लाभ होता है?
(ମୀଠ ବଚନ୍ ସେ କ୍ୟା ଲାଭ୍ ହୋତା ହୈ ?)
उत्तर:
मीठे वचन सबको प्रिय होते हैं। मीठी वाणी से हम सबको अपने वश में कर सकते हैं। मीठी वाणी से चारों ओर शांति बनी रहती है। सबको सुख मिलता है।
(ग) सन्तोष धन के सामने कौन-कौन से धन धूरि के बराबर माने जाते हैं?
(ସନ୍ତୋଷ୍ ଧନ୍ କେ ସାମ୍ନେ କୌନ୍-କୌନ୍ ସେ ଧନ୍ ଧୂରି କେ ବରାବର୍ ମାନେ ଜାତେ ହୈ ?)
उत्तर:
सन्तोष धन के सामने गोधन, गजधन, बाजीधन, रतनधन आदि धन धूरि के बराबर माने जाते हैं। क्योंकि इस प्रकार के धन से सुख शांति नहीं मिलती। मन चिंतित रहता है।
(घ) रोष या गुस्से के समय क्या नहीं खोलना चाहिए और क्यों?
(ରୋଷ୍ ୟା ଗୁସ୍ କେ ସମୟ କ୍ୟା ନହୀ ଖୋଲ୍ନା ଚାହିଏ ଔର୍ କ୍ୟା?)
उत्तर:
रोष या गुस्से के समय जीभ नहीं खोलनी चाहिए। क्योंकि क्रोध में मनुष्य कड़वी बातें बोल जाता है। कड़वी बातें तलवार से भी अधिक घाव कर देती है।
(ङ) मीठे वचन की तुलना वशीकरण मन्त्र से क्यों की गई है?
(ମୀଠ ବଚନ୍ କୀ ତୁଲନା ବଶୀକରଣ୍ ମନ୍ତ୍ର ସେ କୈ କୀ ଗଈ ହୈ ?)
उत्तर:
मीठे वचन की तुलना वशीकरण मन्त्र से की गई है क्योंकि मीठे वचन से हम सबको अपने वश में कर सकते हैं। मीठे वचन सबको प्रिय होते हैं, इससे सबको शांति और सुख मिलता हैं।
(च) हमें सोच विचार कर क्यों बोलना चाहिए?
(ହର୍ମେ ସୋଚ୍ ବିଚାର୍ କର୍ ଜ୍ୟୋ ବୋଲନା ଚାହିଏ ?)
उत्तर:
हमें सोच विचार कर हमेशा बोलना चाहिए। क्योंकि क्रोध में मनुष्य कड़वी बातें बोल जाता है। ये कड़वी बातें तलवार से भी अधिक घाव करती है। इसका प्रहार सीधे हृदय और मन पर होता है। मधुर वचन का परिणाम मधुर होता है।
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଅବତରର୍ଡୋ କା ଆଶୟ ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାର୍କୋ ମେଁ ସ୍ପଷ୍ଟ କୀଜିଏ ।)
(ତଳଲିଖ୍ ଅବତରଣଗୁଡ଼ିକର ଆଶୟ ଦୁଇ-ତିନି ବାକ୍ୟରେ ସ୍ପଷ୍ଟ କର ।)
(क) तुलसी मीठे वचन ते, सुख उपजत चहुँओर।
(ତୁସୀ ମୀଠେ ବଚନ୍ ତେ, ସୁଖ୍ ଉପଜତ୍ ଚହୁଁଓର ।)
उत्तर:
इस पंक्ति में तुलसीदास यह बतलाते हैं कि मीठ वचन से सबको सुख मिलता है। चारों ओर शांति बनी रहती है। मीठे वचन सबको प्रिय होते हैं।
(ख) जब आवे सन्तोष धन, सब धन धूरि समान।
(ଜବ୍ ଆୱେ ସନ୍ତୋଷ୍ ଧନ୍, ସବ୍ ଧନ୍ ଧୂରି ସମାନ୍ ।)
उत्तर:
इस पंक्ति में कवि ने यह कहा है कि सन्तोष धन के सामने सब धन धूल के समान है। क्योंकि इस प्रकार के धन से सुख शांति नहीं मिलती, मन चिंतित रहता है।
(ग) रोष न रसना खोलिए, बरु खोलिओ तलवारि।
(ରୋସ୍ ନ ରସ୍ନା ଖୋଲିଏ ବରୁ ଖୋଲିଓ ତଲବାରି ।)
उत्तर:
गुस्से में जीभ नहीं खोलनी चाहिए। क्योंकि गुस्से में मनुष्य आपे से बाहर हो जाता है और कड़वी बातें बोल जाता है। ये कड़वी बाते दिल और मन को घायल करके अधिक कष्ट देती है।
(ନିମ୍ନଲିଖତ୍ ପ୍ରକ୍ଷ୍ନୌ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍-ଏକ୍ ୱାର୍କୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ ।)
(ତଳଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ-ଗୋଟିଏ ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)
(क) किससे चारों ओर सुख उपजता है?
(କିସ୍ ଚାର୍ରେ ଓର ସୁଖ୍ ଉପଚ୍ଚତା ହୈ ?)
उत्तर:
मीठे वचन से चारों ओर सुख उपजाता है।
(ख) वशीकरण का मंत्र क्या है?
(ବଶୀକରଣ୍ କା ମନ୍ତ୍ର କ୍ୟା ହୈ ?)
उत्तर:
मीठे वचन वशीकरण का मंत्र है।
(ग) हमें क्या परिहार करना या छोड़ना चाहिए?
(ହର୍ମେ କ୍ୟା ପରିହାର୍ କର୍ନା ୟା ଛାଡୁନା ଚାହିଏ?)
उत्तर:
हमें कटु वचन को परिहार करना या छोड़ना चाहिए।
(घ) कवि ने सन्तोष की तुलना किस से की है?
(କବି ନେ ସନ୍ତୋଷ୍ କୀ ତୁଲନା କିସ୍ ସେ କୀ ହୈ ?)
उत्तर:
कवि ने सन्तोष की तुलना धन से की है।
(ङ) कब रसना नहीं खोलनी चाहिए?
(କବ୍ ରସ୍ନା ନହୀ ଖୋଲ୍ନୀ ଚାହିଏ?)
उत्तर:
अधिक गुस्से में रसना नहीं खोलनी चाहिए।
(च) किस धन के सामने सारे धन तुच्छ माने जाते हैं ?
(କିସ୍ ଧନ୍ କେ ସାମ୍ ସାରେ ଧନ୍ ତୁଚ୍ଛ ମାନେ ଜାତେ ହେଁ ?)
उत्तर:
संतोष धन के सामने सारे धन तुच्छ माने जाते हैं।
(छ) सन्तोष धन के सामने सब धन किसके समान होते हैं?
(ସନ୍ତୋଷ୍ ଧନ୍ କେ ସାମ୍ ସବ୍ ଧନ୍ କିସ୍କେ ସମାନ୍ ହୋତେ ହେଁ ?)
उत्तर:
सन्तोष धन के सामने सब धन धूल के समान होते हैं।
(ज) विचार करके वचन कहने से क्या होता है?
(ବିଚାର୍ କର୍କେ ବଚନ୍ କହନେ ସେ କ୍ୟା ହୋତା ହୈ ?)
उत्तर:
विचार करके वचन कहने से उसका परिणाम मधुर होता है।
1. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखिए । ( 160 61 ।)
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ ।)
मीठा, सुख, कठोर, छोड़ना, समान, खोलना
उत्तर:
मीठा – कड़वा/खट्टा
कठोर – मृदु/कोमल
समान – असमान
सुख – दुःख
छोड़ना – पकड़ना
खोलना – बंद करना
2. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थक शब्द लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖତ୍ ଶବ୍ଦା କେ ସମାନାର୍ଥକ ଶବ୍ଦ ଲିଖିଏ।)
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ସମାନାର୍ଥୀ ଶବ୍ଦ ଲେଖ )
वचन, सुख, कठोर, उपजना, गो, गज, बाजि
उत्तर:
वचन – वाणी/बात
कठोर – निर्दयी
गो – गाय/गऊ
सुख – आनन्द
उपजना – पैदा होना/जन्म होना
गज – हाथी
3. निम्नलिखित शब्दों के प्रयोग से सार्थक वाक्य बनाइए।
(ନିମ୍ନଲିଖତ୍ ଶବ୍ଦା କେ ପ୍ରୟୋଗ୍ ସେ ସାର୍ଥକ ବାକ୍ୟ ବନାଇଏ ।)
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପ୍ରୟୋଗ କରି ସାର୍ଥକ ବାକ୍ୟ ଗଠନ କର।)
वसीकरण, कठोर, गोधन, सन्तोष, तलवार
उत्तर:
वसीकरण – मीठे वचन तो वशीकरण मंत्र के समान हैं।
कठोर – राहुल अत्यन्त कठोर स्वभाव का है।
गोधन – यशोदा गोधन की कसम खाकर कहती हैं कि कृष्ण ही उनका पुत्र है।
संन्तोष – सन्तोष रूपी धन के सामने बाकी सारा धन तुच्छ है।
तलवार – तलवार शरीर पर घाव करती है मगर कड़वी बातें दिल पर घाव कर देती हैं।
4. निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖତ୍ ଶବ୍ଦା କେ ଶୁଦ୍ଧ ରୂପ ଲିଖିଏ।)
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ଶୁଦ୍ଧ ରୂପ ଲେଖ।)
चहुँओर, वसीकरण, धूरि, तरवारि, परिनाम
उत्तर:
चहुँओर – चारों ओर
तरवारि – तलवार
वसीकरण – वशीकरण
धूरि – धूल/धूलि
परिनाम – परिणाम
5. निम्नलिखित शब्दों के साथ करण कारक ‘से’ चिह्न का प्रयोग करके वाक्य बनाइए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦା କେ ସାଥ୍ କରଣ୍ କାରକ୍ ‘ସେ’ ଚିହ୍ନ କା ପ୍ରୟୋଗ କର୍କେ ବାକ୍ୟ ବନାଇଏ)
(ନିମ୍ନଲିଖତ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକ ସହିତ କରଣ କାରକ ‘ସେ’ ଚିହ୍ନର ପ୍ରୟୋଗ କରି ବାକ୍ୟ ଗଠନ କର )
वचन, मंत्र, धन, तलवार
उत्तर:
वचन – मीठे वचन से सबको सुख मिलता है।
मंत्र – वशीकरण मंत्र से सभी को वश में किया जा सकता है।
धन – धन से सुख नहीं मिलता।
तलवार – तलवार से मत खेलो।