10th Class Hindi ( ହିନ୍ଦୀ ) - Poem chapter 5 नीड़ का निर्माण फिर-फिर All Question With Answer

↓ Question & Answer ↓

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନୋ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାର୍କୋ ମେଁ ଦୀକିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଉତ୍ତର ଦିଅ : )

(क) आँधी के कारण दिन कैसा दीखने लगा और क्यों?
(ଆଁଧୀ କେ କାରଣ ଦିନ୍ କୈସା ଦୀନେ ଲଗା ଔର କେଁ ?)

उत्तर:
आँधी के कारण दिन रात जैसा दिखने लगा। क्योंकि चारों ओर अंधेरा छा गया। रात का वातावरण चारों ओर छा गया।


(ख) आँधी की रात कैसे लग रही थी?
(ଆଁଧୀ କୀ ରାତ୍ର କୈସେ ଲଗ୍ ରହୀ ଥୀ ?)

उत्तर:
आँधी की रात और भी गहरी तथा काली लग रही थी। चारों ओर निस्तब्धता छा गई थी। लग रहा था जैसे इस रात का फिर से सबेरा न होगा।


(ग) तूफान की उग्रता से कौन-कौन से विनाश होने लगे?
(ରୂଫାନ୍ କୀ ଉଗ୍ରତା ସେ କୌନ୍-କୌନ୍ ସେ ବିନାଶ୍ ହୋନେ ଲଗେ ?)

उत्तर:
तूफान की उग्रता से सभी लोग भयभीत थे। ईंट पत्थर से बने महल ढहने लगे। पहाड़ काँपने लगे । बड़े-बड़े पेड़ उखड़कर जमीन पर गिरने लगे । तिनकों से बने नीड़ भी नष्ट हो गए ।


(घ) आँधी को कौन और कैसे नीचा दिखता है?
(ଆଁଧୀ କୋ କୌନ୍ ଔର୍ କୈସେ ନୀଚା ଦିଖାତା ହୈ ?)

उत्तर:
आँधी को एक छोटी सी चिड़िया नीचा दिखाती है। वह नए जीवन की आशा लेकर आसमान पर चढ़ जाती है। वह विपत्ति से डरती नहीं। वरन् डटकर उसका मुकाबला करती है।


(ङ) आँधी तूफान में भी कौन मुस्कुराता था?
(ଆଁଧୀ ତୁଫାନ୍ ମେଁ ଭୀ କୌନ୍ ମୁସ୍କୁରାତା ଥା ?)

उत्तर:
आँधी तूफान में भी उषा मुस्कुराती थी। वह आकाश के भयानक दाँतों जैसे- बज्रपात, तूफान, और घने बादलों को देखकर भी मंद मंद मुस्कुराती रहती है।


(च) नाश के दुख में किसका सुख नहीं दबता?
(ନାଶ୍ କେ ଦୁଖ୍ ମେଁ କିସ୍‌ ସୁଖ ନହୀ ଦବତା ?)

उत्तर:
नाश के दुःख में निर्माण का सुख नहीं दबता। फिर से नयी सृष्टि के गीत बार-बार गाये जाते हैं।


(छ) प्रलय की निस्तब्धता में किसका नव गान सुनाई पड़ता था?
(ପ୍ରଲୟ କୀ ନିସ୍ତବ୍ଧତା ମେଁ କିସ୍‌କା ନ ଗାନ ସୁନାଈ ପଡ଼ତା ଥା ?)

उत्तर:
प्रलय की निस्तब्धता में नयी सृष्टि का नव गान सुनाई पड़ता था, प्राणी मरता नहीं, बार-बार जीता है। उसी जीने को जीवन कहते हैं।


(ज) गृहस्थी जोड़ने में आनेवाली किन विपत्तियों का उल्लेख कवि ने किया है?
(ଗୃହସ୍ଥ ଜୋଡ଼ନେ ମେଁ ଆନେୱାଲୀ କିନ ବିପଭିର୍ୟା କା ଉଲ୍ଲେଖ କଣ୍ଟି ନେ କିୟା ହୈ ?)

उत्तर:
गृहस्थी जोड़ने में आनेवाली विपत्तियों जैसे- बज्रपात, आँधी, तूफान आदि का उल्लेख कवि ने किया है। क्योंकि मनुष्य नए-नए घरों का निर्माण बराबर करते हैं। उनमें अपने बच्चों और परिवार के दूसरे लोगों के प्रति स्नेह भाव होता है।


(झ) ‘विपत्तियों के बाद सुख के दिन आते हैं’ कवि ने इस भाव को किस प्रकार व्यक्त किया है?
(‘ବିପରିର୍ଲୋ କେ ବାଦ୍ ସୁଖ କେ ଦିନ୍ ଆତେ ହିଁ କ ନେ ଇସ୍ ଭାଙ୍ଗି କୋ କିସ୍ ପ୍ରକାର ବ୍ୟକ୍ତ କିମ୍ବା ହୈ ?)

उत्तर:
कवि कहते हैं कि विपत्ति के बाद सुख के दिन आते हैं। विनाश के वाद निर्माण होता है। प्रलय के वाद पुनः सृजन होता है। घनी अंधेरी रात के बाद मुस्काती उषा के दर्शन होते हैं।


(ञ) नीड़ के निर्माण से कवि का क्या तात्पर्य है?
(ନୀଡ଼୍ କେ ନିର୍ମାଣ ସେ କ କା କ୍ୟା ତାତ୍ପର୍ଯ୍ୟ ହୈ ?)

उत्तर:
निड़ के निर्माण से कवि कहता है कि विपत्तियाँ आति हैं। और उसका आसियँल तिखर चाता है। पर उसकि जाने के इच्छा शक्ति में स्नेह पाने की आशा में उसके आत्मविश्वास कोइ कमि नेहिं आति है। इसलिए वह बारबार अपने तिखरे हुए घरको समें तता हैं।


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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନୋ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ଶବ୍ଦ ୟା ଏକ୍ ୱାକ୍ୟ ମେଁ ଦୀଜିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ଶବ୍ଦ ବା ଗୋଟିଏ ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )

(क) आँधी उठने से नभ में क्या छा गया?
(ଆଁଧୀ ଉଗ୍‌ନେ ସେ ନଭ୍ ମେଁ କ୍ୟା ଛା ଗୟା ?)

उत्तर:
आँधी उठने से नभ में सहसा अंधेरा छा गया।


(ख) बादलों ने किस को घेरा?
(ବାଦଲୌ ନେ କିସ୍ କୋ ଘେରା ?)

उत्तर:
बादलों ने पृथ्वी (भूमि) को घेरा।


(ग) उषा की मुस्कान कैसी थी?
(ଉଷା କୀ ମୁସ୍କାନ୍ କୈସୀ ଥୀ ?)

उत्तर:
उषा की मुस्काम मोहिनी थी।


(घ) बड़े विटप कैसे उखड़ कर गिरे?
(ବଡ଼େ ବିଟପ୍ କୈସେ ଉଖଡ଼ କର୍ ଗିରେ ?)

उत्तर:
बड़े विटप जड़ समेत उखड़कर गिरे।


(ङ) तूफान में कैसा लग रहा था?
(ତୃଫାନ୍ ମେଁ କୈସା ଲଗ୍ ରହା ଥା ?)

उत्तर:
तुफान लग रहा था कि अब इस रात का फिर सवेरा नहीं होगा।


(च) रात कैसी थी?
(ରାତ୍ କୈସୀ ଥୀ ?)

उत्तर:
रात काली थी।


(छ) जन जन कैसे थे?
(ଜନ୍ ଜନ୍ କୈସେ ଥେ ?)

उत्तर:
जन-जन भयभीत थे।


(ज) कूहाँ से उषा आई?
(କହାଁ ସେ ଉଷା ଆଈ ?)

उत्तर:
प्राची से और क्रुद्ध नभ के बज्रदन्तों से उषा आई।


(झ) घोषले किससे विनिर्मित थे?
(ଘୋଷଲେ କିସସେ ବିନିର୍ମିତ ଥେ ?)

उत्तर:
घोंसले निनकों से विनिर्मित थे।


(ञ) गर्जनमय गगन के कंठ से कौन गाती थी?
(ଗର୍ଜନମୟ ଗଗନ କେ କଂଠ ସେ କୌନ ଗାତୀ ଥୀ ?)

उत्तर:
गर्जनमय गगन के कंठ से खंग – पंक्ति गाती थी।


(ट) चिड़िया चोंच में क्या लिए जा रही थी?
(ଚିଡ଼ିୟା ଚୌଚ ହେଁ କ୍ୟା ଲିଏ ଜା ରହୀ ଥୀ ?)

उत्तर:
चिड़िया चोंच में तिनका लिए जा रही थी।


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भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

1. निम्नलिखित के विपरीत शब्द लिखिए:
(ନିମ୍ନଲିଖିତ୍ କେ ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲିଖିଏ।)
(ନିମ୍ନଲିଖଗୁଡ଼ିକର ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ।)
काला, अँधेरा, क्रुद्ध, नीचा, सुख, नाश, दबता, महल

उत्तर:
काला – सफेद
अँधेरा – उजाला
क्रुद्ध – शांत
नीचा – ऊँचा
सुख – दुःख
नाश – निर्माण
दबता – उभरता
महल – झोंपड़ी


2. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ତ ଶର୍କୋ କେ ପର୍ଯ୍ୟାୟବାଚୀ ଶବ୍ଦ ଲିଗ୍‌ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପର୍ଯ୍ୟାୟବାଚୀ ଶବ୍ଦ ଲେଖ।)
रात, बादल, चिड़िया, नीड़, सबेरा, निर्माण, गगन

उत्तर:
रात – निशा, यामिनी
चिड़िया – खग, विहंग
सबेरा – सुबह, प्रातःकाल
गगन – आकाश, आसमान
बादल – मेघ, घन
नीड़ – घोंसला, खोता
निमाण – सृष्टि, सृजन


3. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦା କେ ଅର୍ଥ ବତାତେ ହୁଏ ୱାକ୍ୟ ମେଁ ପ୍ରୟୋଗ କୀଜିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ଅର୍ଥ ପ୍ରକଟ କରି ବାକ୍ୟରେ ପ୍ରୟୋଗ କର ।)
निशा, वज्र, प्रलय, विहंगम, उत्पात, भूधर, प्राची

उत्तर:
निशा -रात – यह निशा भयंकर लग रही है।
वज्र – कठोर – भीम ने वज्र शपथ ली थी।
प्रलय – विनाश – प्रलय के बाद फिर से नया सृजन होता है।
विहंगम – पक्षी – हमें विहंगम से धैर्य और साहस की शिक्षा लेनी चाहिए।
उत्पात – उपद्रव – बंदरों ने उत्पात मचा रखा है।
भूधर पहाड- भारत अनेक बड़े-बड़े भूधर हैं।
प्राची पूर्व दिशा – प्राची से सूर्य उदय होता है।


4. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ବାର୍କୋ କୋ ଶୁଦ୍ଧ କରକେ ଲିଗ୍‌ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକୁ ଠିକ୍ କରି ଲେଖ । )

(क) निस्तब्धता छाया हुआ है।
उत्तर:
निस्तब्धता छाई हुई है।

(ख) काला रात आई।
उत्तर:
काली रात आई।

(ग) चिड़िया चहचहा रहा है।
उत्तर:
चिड़िया चहचहा रही है।

(घ) उषा मुस्कुराता है।
उत्तर:
उषा मुस्कुराती है।
है
(ङ) सृष्टि की नव गान हो रही है ।
उत्तर:
सृष्टि का नव गान ही रहा है।

(च) कंठ में खगपति गाती है।
उत्तर:
कंठ से खगपंक्ति गाती है।

(छ) नीड़ की निर्माण होती है।
उत्तर:
नीड़ का निर्माण होता है।

(ज) रात – सा दिन हो गई।
उत्तर:
रात – सा दिन हो गया।


5. निम्नलिखित वाक्यों के खाली स्थान की पूर्ति कोष्ठक में दिए गए शब्दों से कीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ୱାର୍ଡୋ କେ ଖାଲୀ ସ୍ଥାନ୍ କୀ ପୂର୍ତ୍ତି କୋଷ୍ଠକ ମେଁ ଦିଏ ଗଏ ଶବ୍ଦା ସେ କୀଜିଏ : )
(ବନ୍ଧନୀ ମଧ୍ଯରୁ ଉପଯୁକ୍ତ ଶବ୍ଦ ବାଛି ନିମ୍ନଲିଖ୍ ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକର ଶୂନ୍ୟସ୍ଥାନ ପୂରଣ କର।)
( उषा की, तिनका, दुःख, कंकड़, बादलों ने)

(क) धूलि धूसर ………………. भूमि को इस भाँति घेर।
उत्तर:
बादलों ने

(ख) प्राची से ……………….. मोहिनी मुसकान फिर-फिर!
उत्तर:
उषा की

(ग) डगमगाए जब कि …………………… ईट पत्थर के महल – घर
उत्तर:
कंकड़

(घ) नाश के. ……………….. से कभी दबता नहीं निर्माण का सुख।
उत्तर:
दुःख

(ङ) एक चिड़िया चोंच में ………………… लिए जो जा रही है।
उत्तर:
तिनका


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