10th Class Hindi ( ହିନ୍ଦୀ ) - Prose Chapter 3 देशप्रेमी संन्यासी All Question With Answer
↓ Question & Answer ↓
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए :
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାଜ୍ୟୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )
(क) हम संन्यासी किसे कहते हैं?
(ହମ୍ ସଂନ୍ୟାସୀ କିସେ କହତେ ହୈ ?)
उत्तर:
संसार में कुछ ऐसे लोग होते है जो अपनी इच्छा से घर-बार छोड़ देते हैं, सुख के साधनों का त्याग कर देते हैं। गरीबी में जीते हैं। संसार को माया जंजाल समझते हैं। ये लोग अपनी परवाह छोड़कर देश के लोगों को जाग्रत करने मे लय जाते हैं। देश तथा सेवा कार्य में लग जाते हैं। ऐसे लोगों को संन्यासी कहते हैं।
(ख) विवेकानन्द का व्यक्तित्व कैसा था? (द्या था?)
उत्तर:
स्वामी विवेकानन्द संन्यासी थे। देखने में बहुत सुंदर, बड़े ज्ञानी और पंडित थे। वे स्वभाव से सरल, विनयी और मधुर भाषी थे तथा बहुत ही प्रतिभाशाली थे। वे देशप्रेमी थे।
(ग) विवेकानन्द ने देशवासियों को क्या कहकर ललकारा?
(ୱେକାନନ୍ଦ୍ ନେ ଦେଶସିୟାଁ କୋ କ୍ୟା କହକର୍ ଲଲ୍କାରା ?)
उत्तर:
विवेकानन्द ने देशवासियों को ललकारते हुए कहा, “मेरे प्यारे देशवासियो! उठो, जागो। जीवन का वरदान स्वतंन्त्रता है मेरा भाई है। भारत मेरा जीवन। उसे प्राप्त करो। गर्व से कहो कि मैं भारतीय हूँ। हर भारतीय है। मेरा प्राण है। भारत के देवता मेरा भरण पोषण करते हैं। भारत मेरे बचपन का हिडोला है, मेरे यौवन का आनंद लोक है और मेरे बुढ़ापे का बैकुंठ है।”
(घ) अमेरीका की धर्मसभा में स्वामीजी ने अपने भाषण में किस बात को प्रतिपादित किया?
(ଅମେରୀକା କୀ ଧର୍ମସଭା ମେଁ ସ୍ଵାମୀଜୀ ନେ ଅପ୍ ଭାଷଣ ମେଁ କିସ୍ ବାତ୍ କୋ ପ୍ରତିପାଦିତ କିୟା ?)
उत्तर:
अमेरीका की धर्मसभा में स्वामीजी ने अपने भाषण में अत्यंत मर्मस्पर्शी वाणी में भारत के धर्म, आचार-विचार, ऋषि-मुनियों के चिंतन, आध्यात्मिक दृष्टिकोण का महत्व प्रतिपादित किया। अपने सुंदर, सरल, अर्थपूर्ण अंग्रेजी भाषण द्वारा सबके दिलों को अभिभूत कर दिया।
(ङ) स्वामीजी ने इंग्लैण्ड के लोगों को कैसे प्रभावित किया?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ ନେ ଇଂଗ୍ରେଣ୍ଡ କେ ଲୋଗୋଁ କୋ କୈସେ ପ୍ରଭାବିତ କିୟା ?)
उत्तर:
स्वामीजीने इंग्लैण्ड के लोगों को अपनी विद्वत्ता से प्रभावित किया। वे भी मान गए कि भारत में गरीबी भले ही हो, लेकिन वह ऊँचे विचारों और चिंतन के धनी हैं, अगुवा हैं।
(च) स्वामीजी ने अपनी अनुयायियों को किन-किन कामों में लगाया?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ ନେ ଅପୂନୀ ଅନୁୟାୟିର୍ଲୋ କୋ କିନ୍-କିନ୍ କାର୍ପୋ ମେଁ ଲଗାୟା ?)
उत्तर:
स्वामीजी ने अपने असंख्य अनुयायियों को मानव सेवा, ज्ञान सेवा, ज्ञान तथा धर्म-प्रचार में लगाया। रामकृष्ण परमहंस उनके गुरु थे। उन्हीं के नाम से रामकृष्ण मिशन बनाया। आज भी देश-विदेश में उनकी अनेक संस्थाएँ जनता की सेवा में उटी हुई हैं।
(छ) 1857 के बाद हमारे देश के लोग किस स्थिति में थे?
(୧୮୫୭ କେ ବାଦ୍ ହମାରେ ଦେଶ୍ କେ ଲୋଗ୍ କିସ୍ ସ୍ଥିତି ମେଁ ଥେ ?)
उत्तर:
1857 के बाद हमारे देश के लोग एक बार कोशिश करके पराजित हो गए थे। इस ईस्वी के बाद लोग निराशा, आलस्य और कर्महीनता में डूबे हुए थे।
(ନିମ୍ନଲିଖତ୍ ପ୍ରକ୍ଷ୍ନୌ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍-ଏକ୍ ୱାକ୍ୟ ମେଁ ଦୀଜିଏ: )
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ଗୋଟିଏ ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )
(क) भारत कब पराधीन था?
(ଭାରତ୍ କବ୍ ପରାଧୀନ୍ ଥା ?)
उत्तर: कई सालों पहले भारत पराधीन था।
(ख) जीवन का वरदान क्या है?
( ଜୀବନ୍ କା ଓରଦାନ୍ କ୍ୟା ହୈ ?)
उत्तर: जीवन का वरदान स्वतंत्रता है।
(ग) अंग्रेज क्या मान गये?
(ଅଂଗ୍ରେଜ୍ କ୍ୟା ମାନ୍ ଗୟେ ?)
उत्तर: अंग्रेज मान गये कि भारत में गरीबी भले ही हो, लेकिन वे ऊँचे विचारों और चिंतन के धनी और अगुवा हैं।
(घ) देश को आजाद करने में किनका योगदान रहा?
(ଦେଶ୍ କୋ ଆଜାଦ୍ କରନେ ମେଁ କିନ୍ ୟୋଗଦାନ୍ ରହା ?)
उत्तर: देश को आजाद करने में संन्यासियों का बड़ा योगदान रहा।
(ङ) कौन रामकृष्ण परमहंस के उपयुक्त शिष्य थे?
(କୌନ୍ ରାମକୃଷ୍ଣ ପରମହଂସ୍ କେ ଉପୟୁକ୍ତ ଶିଷ୍ୟ ଥେ ?)
उत्तर: स्वामी विवेकानन्द रामकृष्ण परमहंस के उपयुक्त शिष्य थे।
(ନିମ୍ନଲିଖୂତ୍ ପ୍ରକ୍ଷ୍ନୌ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ଶବ୍ଦ ଏକ୍ ୱାକ୍ୟ ମେଁ ଦୀକିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ଶବ୍ଦ ଗୋଟିଏ ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )
(क) धर्म सभा कहाँ हो रही थी?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ ଇଂଲିଶ୍ ମେଁ କର୍ତକ୍ ରହେ ?)
उत्तर: अमेरीका में
(ख) देशप्रेमी संन्यासी कौन हैं?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ କେ ଅନୁସାର୍ ହମାରା ଭରଣ୍ ପୋଷଣ୍ଢ କୌନ୍ କର୍ତା ହୈ ?)
उत्तर: स्वामी विवेकानन्द
(ग) स्वामीजी इंलैण्ड में कबतक रहे?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ କେ ଗୁରୁ କୌନ୍ ଥେ ?)
उत्तर: एक साल तक
(घ) स्वामीजी के अनुसार हमारा भरण पोषण कौन करता है?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ କେ ଅନୁସାର୍ ହମାରା ଭରଣ୍ ପୋଷଣ୍ କୌନ୍ କର୍ତା ହୈ ?)
उत्तर: भारत के देवता
(ङ) स्वामीजी के गुरु कौन थे?
( ସ୍ଵାମୀଜୀ ବୁଢ଼ାପେ କା ବୈକୁଣ୍ଠ କିସେ ମା ହେଁ ?)
उत्तर: रामकृष्ण परमहंस
(च) सालों पहले भारत में किसका शासन चलता था?
(ସାଲୌ ପହଲେ ଭାରତ ମେଁ କିସ୍ ଶାସନ ଚର୍ଚ୍ଚା)
उत्तर: अंग्रेजों का
(छ) स्वामीजी बुढापे का बैकुण्ठ किसे मानते हैं?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ ବୁଢ଼ାପେ କା ବୈକୁଣ୍ଠ କିସେ ମା ହେଁ ?)
उत्तर: भारत को
(ज) स्वामीजी के बचपन का हिण्डोला कौन था?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ ନେ କିସେ ଜୀୱନ୍ କା ବରଦାନ୍ ସମଝା ?)
उत्तर: भारत
(झ) प्रत्येक भारतीय स्वामीजी के लिए क्या था?
(ପ୍ରତ୍ୟେକ୍ ଭାରତୀୟ ସ୍ଵାମୀଜୀ କେ ଲିଏ କ୍ୟା ଥା ?)
उत्तर: भाई
(ञ) स्वामीजी ने किसे जीवन का बरदान समझा?
(ସ୍ଵାମୀଜୀ ନେ କିସେ ଜୀୱନ୍ କା ବରଦାନ୍ ସମଝା ?)
उत्तर: स्वतंत्रता
1. निम्नलिखित शब्दों के लिंग बताइए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ତ ଶର୍କୋ କେ ଲିଂଗ ବତାଇଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ଲିଙ୍ଗ ନିର୍ଣ୍ଣୟ କର । )
वाणी, विद्वान, अंग्रेजी, दृष्टिकोण, आजादी, देश, संन्यासी, गरीबी, निराशा, आनन्द, बुढ़ापा
उत्तर:
वाणी – स्रीलिंग
अंग्रेजी – स्रीलिंग
आजादी – स्रीलिंग
संन्यासी – पुंलिंग
विद्वान – पुंलिंग
दृष्टिकोण – पुंलिंग
देश – पुंलिंग
गरीबी – स्रीलिंग
निराशा – स्रीलिंग
आनन्द – पुंलिंग
बुढ़ापा – पुंलिंग
2. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦା କେ ପର୍ଯ୍ୟାୟବାଚୀ ଶବ୍ଦ ଲିଖୁଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପର୍ଯ୍ୟାୟବାଚୀ ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
विद्वान, आजाद, साल, मानव, व्याकुल, इच्छा
उत्तर:
विद्वान – पण्डित
साल – वर्ष
व्याकुल – व्यग्र
आजाद – स्वतंत्र
मानव – मनुष्य
इच्छा – चाह
3. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ୱାର୍କୋ କୋ ଶୁଦ୍ଧ କରକେ ଲିଖୁଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକୁ ଶୁଦ୍ଧ କରି ଲେଖ ।)
(क) सालों पहले का बात है।
उत्तर:
सलों पहले की बात है।
(ख) रामकृष्ण परमहंस विवेकानन्द का गुरु थे।
उत्तर:
रामकृष्ण परमहंस विवेकानन्द के गुरु थे।
(ग) देश में रामकृष्ण मिशन का अनेक संस्थाएँ हैं।
उत्तर:
देश में रामकृष्ण मिशन की अनेक संस्थाएँ हैं।
(घ) गर्व में कहो की में भारतीय हूँ।
उत्तर:
गर्व से कहो कि मैं भारतीय हूँ।
(ङ) भारत मेरी जीवन है।
उत्तर:
भारत मेरा जीवन है।
4. निम्नलिखित में से विशेषण पद छाँटकर लिखिए :
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ମେଁ ସେ ୱିଶେଷଣ୍ଢ ପଦ୍ ଛାକର୍ ଲିଖୁଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖତରୁ ବିଶେଷଣ ପଦକୁ ଅଲଗା କର ।)
(क) मेरे प्यारा देश वासियो!
उत्तर:
प्यारे
(ख) यहाँ अंग्रेजों का कड़ा शासन चलता था।
उत्तर:
कड़ा
(ग) भारत मेरे बचपन का हिंडोला है।
उत्तर:
मेरे
(घ) मेरे यौवन का आनंद लोक है।
उत्तर:
मेरे
(ङ) भारत मेरे बचपन का बैकुण्ठ है।
उत्तर:
मेरे
5. निम्नलिखित वाक्यों में विराम चिह्न लगाइए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ୱାର୍କୋ ମେଁ ଔରାମ୍ ଚିହ୍ନ ଲଗାଇଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକରେ ବିରାମ ଚିହ୍ନ ଲଗାଅ ।)
(क) मेरे प्यारे देशवासियो उठो जागो।
उत्तर:
मेरे प्यारे देशवासियो! उठो, जागो।
(ख) निराशा आलस्य और कर्महीनता में डुबे हुए थे।
उत्तर:
निराशा, आलस्य और कर्महीनता में डुबे हुए थे।
(ग) उनकी सुन्दर सरल अर्थपूर्ण अंग्रेजी भाषण ने सबके दिलों को अभिभूत कर दिया।
उत्तर:
उनकी सुंदर, सरल, अर्थपूर्ण अंग्रेजी भाषण ने सबके दिल को अभिभूत कर दिया।
(घ) स्वामीजी ने असंख्य अनुयायियों को मानव सेवा ज्ञान तथा धर्म प्रचार में लगाया।
उत्तर:
स्वामीजी ने अंसख्य अनुयायियों को मानव-सेवा, ज्ञान तथा धर्म प्रचार में लगाया।