10th Class Hindi ( ହିନ୍ଦୀ ) - Prose Chapter 4 गिल्लू All Question With Answer

↓ Question & Answer ↓

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାଜ୍ୟୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )

(क) सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में कौन-से विचार उमड़ने लगे?
(ସୋନଜୁହୀ ମେଁ ଲଗୀ ପୀଲୀ କଲୀ କୋ ଦେଖକର୍ ଲେଖିକା କେ ମନ୍ ମେଁ କୌନ୍-ସେ ବିଚାର ଉମନେ ଲଗେ ?)

उत्तर:
लेखिका जब सोनजुही में लगी पीली कली को देखती तो उनके मन में यूँ ही गिलहरी के उस छोटे से जीव की याद आ जाती। वह छोटा जीव इस लता की घनी छाया में छिपकर बैठता था और फिर लेखिका के निकट पहुँचते ही उनके कंधे पर कूदकर लेखिका को चौका देता था। उस दिन लेखिका को कली की खोज रहती थी, पर आज उन्हें उस लघु प्राण की खोज है।


(ख) गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?
(ଗିରୀ କେ ଘାୟଲ୍ ବଜେ କା ଉପଚାର୍ କିସ୍ ପ୍ରକାର୍ କିୟା ଗୟା ?)

उत्तर:
लेखिका उस छोटे से बच्चे को हौले से उठाकर अपने कमरे में लाई। फिर रुई से रक्त पोंछकर धावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। रुई की पतली बत्ती दूध में भिगीकर जैसे -जैसे उसके नन्हें से मुँह में लगाई पर मुँह खुल न सका और दूध की बूदें दोनों और ढुलक गई। कई घंटों के उपचारके बाद उसके मुँह में एक बूँद पानी पिलाया जा सका।


(ग) लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?
(ଲେଖ୍କା କା ଧ୍ୟାନ୍ ଆକର୍ଷିତ୍ କର୍‌ନେ କେ ଲିଏ ଗିଲୁ କ୍ୟା କର୍‌ତା ଥା ?)

उत्तर:
लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता गिल्लू का यह दौड़ने का क्रम तब तक चलता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए उठ न जाती।


(घ) गिल्लू का कार्य-कलाप कैसा था?
(ଗିଲ୍ କା କାର୍ଯ୍ୟ-କଲାପ୍ କୈସା ଥା ?)

उत्तर:
गिल्लू खुद अपना झूल्ला हिलाकर अपने घर में झूलता और अपनी काँच के मनको-सी आँखे से कमरे के भीतर और खिड़की से बाहर न जाने बचा देखता समझता रहता था। परंतु उसकी समझदारी और कार्यकलाप पर सबका आश्चर्य होता था। कभी-कभी लेखिका जब गिल्लू को एक लिफाफे में बंद कर देती थी तब वह घंटों मेज पर दीवार के सहारे खड़ा रहकर अपनी चमकीली आँखों से लेखिका का कार्यकलाप देखा करता।

(ङ) लेखिका को क्यों ऐसा लगा कि गिल्लू को मुक्त करना आवश्यक है?
(ଲେଖୁ କୋ ଜ୍ୟୋ ଐସା ଲଗା କି ଗିଲ୍ କୋ ମୁକ୍ତ କର୍‌ନା ଆଶ୍ୟକ୍ ହୈ ?)

उत्तर:
वसंत ऋतु के आते ही नीम चमेली की गंध लेखिका के कमरे में हौले-हौले आने लगी।
बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक्- चिक् करके न जाने क्या कहने लगती? गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देखकर लेखिका को लगा कि उसे मुक्त करना आवश्यक है।

(च) लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू क्या करता था?
(ଲେଖିକା କୀ ଅସ୍ବସ୍ଥତା ମେଁ ଗିଲ୍ କ୍ୟା କର୍‌ତା ଥା ?)

उत्तर:
लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू तकिए पर सिरहाने बैठकर नन्हें-नन्हें पंजो से उनके सिर और बालों को इतने हौले-हौले सहलाता था। लेखिका को गिल्लू का सिरहाने से हट जाना एक परिचारिका के हटने के समान लगता था।


(छ) गरमी से बचने का कौन-सा उपाय गिल्लू ने खोज निकाला था?
(ଗରମୀ ସେ ବଚନେ କା କୌନ୍-ସା ଉପାୟ ଗିଲୁ, ନେ ଖୋଜ୍ ନିକାଲା ଥା ?)

उत्तर:
गरमी से बचने के लिए गिल्लू एक नया उपाय खोज निकाला था। वह लेखिका के पास रखी सुराही पर लेट जाता था, इस प्रकार समीप भी रहता था और उसपर गरमी का कुछ असर न पड़ता था।


(ज) गिल्लू की किन चेष्टाओं से लेखिका को लगा कि अब उसका अंत समय समीप है?
(ଗିଲୁ, କୀ କିନ୍ ଚେଷ୍ଟାଓଁ ସେ ଲେଖ୍କା କୋ ଲଗା କି ଅବ୍ ଉସ୍‌କା ଅନ୍ତ ସମୟ ସମୀପ୍ ହୈ ?)

उत्तर:
गिलहरियों के जीवन की आयु दो वर्ष से अधिक नहीं होती। अतः गिल्लू की जीवन यात्रा का अंत आ ही गया। दिन भर उसने न कुछ खाया न ही वह खेलने बाहर गया। रात में अपने जीवन के अंत समय की यातना में भी वह अपने सूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर आया और ठंड़े पंजो से उनकी उँगली पकड़कर हाथ से चिपक गया जिसे उसने अपने बचपन की मरणासन्त स्थिति में पकड़ा था।


(झ) सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
(ସୋନଜୁହୀ କୀ ଲତା କେ ନୀଚେ ବନୀ ଗିଲ୍ କୀ ସମାଧ୍ ସେ ଲେଖ୍କା କେ ମନ ମେଁ କିସ୍ ବିଶ୍ଵାସ୍ କା ଜନ୍ମ ହୋତା ହୈ ?)

उत्तर:
सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि दी गई थी। इसलिए कि उसे यह लता सबसे अधिक प्रिय थी। उस समय लेखिका को ऐसा लगता था कि वह लघु जीव किसी वसंत ऋतु के दिनों में जुही के पीले रंग के छोटे- छोटे घूल के रूप में खिल जाने का विश्वास लेखिका को संतोष देता था।


(ञ) लेखिका को उस लघुप्राण गिल्लु की खोज क्यों थी?
(ଲେଖ୍କା କୋ ଉସ୍ ଲଘୁପ୍ରାଣ ଗିଲ୍ କୀ ଖୋଜ୍ ଜ୍ୟୋ ଥୀ ?)

उत्तर:
लेखिका की नजर सोनजुही की लता में खिली उस पीली कली पर पड़ी जो अभी-अभी खिली है। उस पीली कली का देखते ही लेखिका को गिलहरी के उस छोटे जीव की याद आने लगी। जो इस लता की सघन छाया में छिपकर बैठता चा। फिर यह जीव लेखिका के पास पहुँचते है। उनके कंधे पर कूद जाता और उन्हें चौका देता था। उस समय लेखिका को पीली क़ली की खोज थी पर आज उन्हें उस पीली कली के रूप में उस लघुप्राण की खोज है।


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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାଜ୍ୟୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )

(क) किसे देखकर लेखिका को गिल्लू का स्मरण हो आया?
(କିସେ ଦେଖ୍କର୍ ଲେଖ୍କା କୋ ଗିଲ୍ କା ସ୍ମରଣ୍ ହୋ ଆୟା ?)

उत्तर:
सोनजुही की लता में एक पीली कली को देखकर लेखिका को गिल्लू का स्मरण हो आया।


(ख) गिल्लू लेखिका को कैसे चौंका देता था?
(ଗିଲୁ ଲେଖୁ କୋ କୈସେ ଚୌକା ଦେତା ଥା ?)

उत्तर:
कभी फूलदान के फूलों में, कभी परदे की चुन्नट में और कभी सोनजूही की पत्तियों में छिपकर गिल्लू लेखिका को चौंका देता था।


(ग) सोनजूही की स्वर्णिम कली को देखकर लेखिका को क्या लगा?
(ସୋନଜୂହୀ କୀ ସୃଷ୍ଟିମ୍‌ କଳୀ କୋ ଦେଖକର୍ ଲେଖ୍କା କୋ କ୍ୟା ଲଗା ?)

उत्तर:
सोनजूही की स्वर्णिम कली को देखकर लेखिका को लगा कि कहीं स्वर्णिम कली के बहाने गिल्लू उन्हें चौंकाने ऊपर तो नहीं आ गया।


(घ) कौवे को कब सम्मानित किया जाता है?
(କୌୱେ କୋ କବ୍ ସମ୍ମାନିତ କିମ୍ବା ଜାତା ହୈ ?)

उत्तर:
कौवे को पितरपक्ष में सम्मानित किया जाता है।


(ङ) लघुप्राण क्यों निश्चेष्ट-सा गमले में चिपटा पड़ा था?
(ଲଘୁପ୍ରାଣ୍ଡ୍ କୁଁ ନିଶ୍ଚେଷ୍ଟ-ସା ଗମଲେ ହେଁ ଚିପଟା ପଢ଼ା ଥା ?)

उत्तर:
काकद्वय की चोंचों के दो घाव के कारण लघुप्राण निश्चेष्ट – सा गमले में चिपटा पड़ा था।


(च) भूख लगने पर गिल्लू क्या करता था?
(ଭୂଖ୍ ଲଗ୍‌ନେ ପର୍ ଗିଲ୍ କ୍ୟା କର୍‌ତା ଥା?)

उत्तर:
भूख लगने पर गिल्लू चिक-चिक करके लेखिका को सूचना देता था।


(छ) गिल्लू का नित्य का क्रम कैसा था?
(ଗିଲ୍ କା ନିତ୍ୟ କା କ୍ରମ୍ କୈସା ଥା ?)

उत्तर:
लेखिका के कॉलेज से लौटने पर जैसे ही कमरा खोलकर वह भीतर पैर रखती, उसी समय गिल्लू अपने जाली के द्वार से भीतर उठकर उनके पैर से सिर और सिर से पैर तक दौड़ लगाने लगता था जो कि उसका नित्य का क्रम था।


(ज) लेखिका की अस्वस्थता के समय गिल्लू का हटना क्यों एक परिचारिका के हटने के समान लगता था?
(ଲେଖ୍କା କୀ ଅସୁସ୍ଥତା କେ ସମୟ ଗିଲ୍ କା ହଟନା କେଁ ଏକ ପରିଚାରିକା କେ ହଟନେ କେ ସମାନ ଲଗତା ଥା ?

उत्तर:
लेखिका की अस्वास्थता के समय गिल्लू तकिए पर सिरहाने बैठकर नन्हें-नन्हें पंजो से उनके सिर और बालों को इसप्रकार हौले हौले सहलाता था कि उसका हटना एक परिचारिका के हटने के समान लगता था।


(झ) गिल्लू की जीवन-यात्रा का अंत क्यों आ गया?
(ଗିଲ୍ କୀ ଜୀବନ୍-ଯାତ୍ରା କା ଅଂତ୍ ଜ୍ୟୋ ଆ ଗୟା ?)

उत्तर:
गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती, गिल्लू ने यह अवधि पूरी कर ली थी। अत: गिल्लू की जीवन-यात्रा का समय आ गया।


(ञ) कौन-से स्पर्श के साथ ही गिल्लू किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया?
(କୌନ୍-ସେ ସ୍ପର୍ଶ କେ ସାଥ୍ ହୀ ଗିଲ୍ କିସୀ ଔର୍ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ଜାଗ୍‌ କେ ଲିଏ ସୋ ଗୟା ?)

उत्तर:
प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही गिल्लू किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया ।


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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में दीजिए :
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାଜ୍ୟୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )

(क) लघुप्राण किसे कहा गया है?
(ଲଘୁପ୍ରାଣ୍ କିସେ କହା ଗୟା ହୈ ?)

उत्तर:गिलहरी को. (गिल्लू)


(ख) दो कौवे कैसा खेल खेल रहे थे?
(ଦୋ କୌ କୈସା ଖେଲ୍ ଖେଲ୍ ରହେ ଥେ ?)

उत्तर:छुआ-छुऔवल


(ग) गिल्लू के जीवन में प्रथम वसंत आने पर क्या प्रभाव पड़ा?
(ଗିଲୁ, କେ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ପ୍ରଥମ ବସନ୍ତ ଆମେ ପର୍ କ୍ୟା ପ୍ରଭାୱ ପଡ଼ା ?)

उत्तर:अपनापन


(घ) गिल्लू किसका नेता बनकर हर डाल पर उछलता – कूदता रहता था?
(ଗିଲୁ କିସ୍‌ ନେତା ବନ୍‌କର୍ ହର୍ ଡାଲ୍ ପର୍ ଉଛଲତା-କୂଦତା ରହତା ଥା ?)

उत्तर: गिलहरियों का


(ङ) किसके पास बहुत-से पशु-पक्षी हैं?
(କିସ୍‌ ପାସ୍ ବହୁତ୍-ସେ ପଶୁ-ପକ୍ଷୀ ହୈ ?)

उत्तर:लेखिका


(च) गिल्लू का प्रिय खाद्य कौन-सा था?
(ଗିଲ୍ କା ପ୍ରିୟ ଖାଦ୍ୟ କୌନ୍-ସା ଥା?)

उत्तर: काजू


(छ) लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू कहाँ बैठता था?
(ଲେଖ୍କା କୀ ଅସ୍ବସ୍ଥତା ମେଁ ଗିଲ୍ କର୍ତା ବୈଠତା ଥା ?)

उत्तर:सिरहाने


(ज) गिलहरियों के जीवन की अवधि कितने वर्ष से अधिक नहीं होती?
(ଗିରିୟୋ କେ ଜୀୱନ୍ କୀ ଅଧ୍ କିତନେ ୱର୍ଷ ସେ ଅଧ‌ିକ ନଦୀ ହୋତୀ?)

उत्तर:.दो वर्ष


(झ) गिल्लू ने कैसी स्थिति में लेखिका की उँगली को पकड़ा था?
(ଗିଲ୍ ନେ କୈସୀ ସ୍ଥିତି ମେଁ ଲେଖ୍କା କୀ ଉଁଗ୍‌ଲୀ କୋ ପକଡ଼ା ଥା ?)

उत्तर: मरणासन्न


(ञ) गिल्लू को कहाँ समाधि दी गयी?
(ଗିଲ୍ କୋ କହାଁ ସମାଧ୍ ଦୀ ଗୟୀ ?)

उत्तर:सोनजुही की लता के नीचे


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4. निम्नलिखित अवतरणों के अर्थ स्पष्ट कीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ୱାଜ୍ୟୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )

(क) तब मुझे कली की खोज रहती थी, पर आज उस लघुप्राण की खोज है।
(ତବ୍ ମୁଝେ କଲୀ କୀ ଖୋଜ୍ ରହତୀ ଥୀ, ପର୍ ଆଜ୍ ଉସ୍ ଲଘୁପ୍ରାଣ୍ଡ୍ କୀ ଖୋଜ୍ ହୈ ।)

उत्तर:
तब मुझे ……………………… लघुप्राण की खोज है।
उपरोक्त वाक्य में लेखिका ने गिल्लू के बारे में कहा है। सोनजुही की लता में पीली कली को देखकर लेखिका को गिल्लू की याद आती है और वह कहती हैं कि आज सोनजुही की लता में वे लघुप्राण गिल्लू को खोज रही हैं।


(ख) यह काक भुशुण्डि भी विचित्र पक्षी है- एक साथ समादरित, अनादरित, अति सम्मानित, अति अवमानित।
(ୟହ କାକ୍ ଭୁଶୁଣ୍ଡି ଭୀ ବିଚିତ୍ର ପକ୍ଷୀ ହୈ ଏକ୍ ସାଥ୍ ସମାଦରିତ୍‌, ଅନାଦରିତ୍, ଅତି ସମ୍ମାନିତ୍, ଅତି ଅବମାନିତ୍ ।)

उत्तर:
यह काक भुशुण्डि ………………. अवमानित।
यह बात लेखिका ने काकभुशुण्डि के लिए कहा है। वे कहती हैं कि ये काकभुशुण्डि बड़ा विचित्र पक्षी होता है। ये अपने कार्य के लिए कभी अति सम्मानित होते हैं तो कभी अति अपमानित। कभी इन्हें आदर किया जाता है तो कभी अनादर।


(ग) उसका हटना एक परिचारिका के हटने के समान लगता।
(ଉସ୍‌ ହଟ୍‌ ଏକ୍ ପରିଚାରିକା କେ ହଟ୍‌ କେ ସମାନ୍ ଲଗ୍ନତା ।)

उत्तर:
उसका हटना……………………….समान लगता।
लेखिका के अस्वस्थ के समय गिल्लू तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हें-नन्हें पंजों से उनके सिर और बालों को हौले-हौले सहलाता रहता था। उस समय गिल्लू का हटना लेखिका के लिए एक परिचारिका के हटने के समान लगता था।


(घ) प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया।
(ପ୍ରଭାତ୍ କୀ ପ୍ରଥମ୍ କିରଣ୍ କେ ସ୍ପର୍ଶ କେ ସାଥ ହୀ ୱହ କିସୀ ଔର୍ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ଜାଗ୍‌ନେ କେ ଲିଏ ସୋ ଗୟା ।)

उत्तर:
प्रभात की ……………….. सो गया।
इसमें लेखिका गिल्लू के जीवन की अंतिम क्षण के बारे में बताते हुए कहती हैं कि प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही गिल्लू इस दुनिया से चल बसा। लेखिका के अनुसार गिल्लू इस जीवन में आखरी बार सो गया फिर न उठने के लिए। और वह फिर से एक नए जीवन जीने के लिए इस जीवन को हमेशा के लिए आलबिदा कह दिया।


(ङ) उस लघुगात का, किसी वासंती दिन, जुही के पीताभ छोटे फूल में खिल जाने का विश्वास, मुझे सन्तोष देता है।
(ଉସ୍ ଲଘୁଗାତ୍ କା, କିସୀ ବାସନ୍ତୀ ଦିନ୍, ଜୁହୀ କେ ପୀତାଭ୍ ଛୋଟେ ଫୁଲ୍ ମେଁ ଖୁଲ୍ ଜାନେ କା ବିଶ୍ଵାସ୍, ମୁଝେ ସନ୍ତୋଷ୍ ଦେତା ହି ।)

उत्तर:
उस लघुगात का ……………………… संतोष देता है।
सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू को समाधि दी गई थी क्योंकि गिल्लू को वह लता सबसे अधिक प्रिय थी। लेखिका को लग रहा था जैसे वहाँ पीले रंग का फूल नहीं खिला हुआ था उस जगह गिल्लू का छोटा शरीर जैसे कली के रूप खिल रहा था । जिसे देखकर लेखिका को आत्मसंतोष होता था।


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5. रिक्त स्थानों को भरिए :
(ରିକ୍ତ ସ୍ଥାନୌ କୋ ଭରିଏ : )
(ଶୂନ୍ୟସ୍ଥାନ ପୂରଣ କର : )

(क) कौन जाने ………………….. के बहाने वही मुझे चौंकाने ऊपर आ गया हो।
उत्तर:स्वर्णिम कली


(ख) ……………………… की गंध मेरे कमरे में हौले-हौले आने लगी।
उत्तर:नीम चमेली

(ग) हमने उसकी …………………….. संज्ञा को व्यक्तिवाचक का रूप दे दिया।
उत्तर: जातिवाचक


(घ) जिसे उसने बचपन की …………………. स्थिति में पकड़ा था।
उत्तर:मरणासन्न


(ङ) ……………………… छोटे फूल में खिल जानेका विश्वास मुझे सन्तोष देता है।
उत्तर:जुही के पीताभ


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6. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर दिये गये विकल्यों से चुनकर लिखिए:
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ସହୀ ଉତ୍ତର୍ ଦିୟେ ଗୟେ ବିକର୍ଣ୍ଣୋ ମେଁ ସେ ଚୁକର୍ ଲିଗ୍‌ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଠିକ୍ ଉତ୍ତର ପ୍ରଦତ୍ତ ବିକଳ୍ପଗୁଡ଼ିକ ମଧ୍ୟରୁ ବାଛି ଲେଖ : )

(क) दो कौवे कैसा खेल खेल रहे थे?
(ଦୋ କୌ କୈସା ଖେଲ୍ ଖେଲ୍ ରହେ ଥେ ?)
(i) दौड़ लगाने का
(ii) छूआ-छुऔवल
(iii) खाना खाने का

उत्तर:
(ii) छूआ-छुऔवल


(ख) लेखिका के किस विवेचन में अचानक बाधा आ पड़ी?
(ଲେଖିକା କେ କିସ୍ ୱିୱେଚନ୍ ମେଁ ଅଚାନକ୍ ବାଧା ଆ ପତ୍ନୀ ?)
(i) शिव पुराप्प
(ii) काक पुराण
(iii) सूर्य पुराण
(iv) नृसिंह पुराण

उत्तर:
(ii) काक पुराण


(ग) लेखिका के कमरे में किसकी गंध हौले-हौले आने लगी?
(ଲେଖିକା କେ କମରେ ମେଁ କିସ୍‌କୀ ଗନ୍ଧ ଦୌଲେ-ଦୌଲେ ଆନେ ଲଗୀ)
(i) सोनजुही
(ii) वसंत
(iii) नीम- चमेली
(iv) गुलाब

उत्तर:
(iii) नीम- चमेली


(घ) गिल्लू का कौन-सा खाद्य प्रिय खाद्य था?
(ଗିଲ୍ କା କୌନ୍-ସା ଖାଦ୍ୟ ପ୍ରିୟ ଖାଦ୍ୟ ଥା?)
(i) चावल
(ii) बिस्कुट
(iii) केला
(iv) काजू

उत्तर:
(iv) काजू


(ङ) गिलहरियों के जीवन की अवधि कितने वर्ष से अधिक नहीं होती?
(ଗିରୀୟୌ କେ ଜୀୱନ୍ କୀ ଅଧ୍ୱ କିଡ୍‌ ୱର୍ଷ ସେ ଅଧ୍ଵ ନର୍ଜୀ ହୋତୀ ?)
(i) एक
(ii) दो
(iii) तीन
(iv) चार

उत्तर:
(ii) दो


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भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

1. प्रस्तुत पाठ में आये हुए निम्नलिखित शब्दों पर ध्यान दीजिए:
(ପ୍ରସ୍ତୁତ୍ ପାଠ୍ ମେଁ ଆୟେ ହୁଏ ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦା ପର୍ ଧ୍ୟାନ୍ ଦୀଜିଏ : )
(ପ୍ରସ୍ତୁତ ପାଠରେ ଥ‌ିବା ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକୁ ଧ୍ୟାନ ଦିଅ ।)

स्वर्णिम, समादरित, अपनापन, लगाव, परिचारिक, झूला।
ये शब्द कुछ प्रत्ययें के मेल से बने हैं जो इस प्रकार हैं।
स्वर्णिम = स्वर्ण + इम
अपनापन = अपना + पन
परिचारिक = परिचार + इक
समादरि = समादर + इत
लगाव = लगना + आव
झूला = झूलना + आ

इन शब्दों के अंत में लगनेवाले शब्दांश प्रत्यय हैं। जो शब्दांश धातु, क्रिया या शब्दों के अंत में लगकर नये शब्दों का निर्माण करते हैं, उन्हें प्रत्य कहते हैं। प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं – कृत् प्रत्यय और तद्धित प्रत्यह। धातु या क्रिया के अंत में लगनेवाले प्रत्यय कृत् प्रत्यय कहे जाते हैं और उनके मेल से बने शब्द को कृदन्त पद कहा जाता है। संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के बाद लगनेवाले प्रत्यय को तद्धित प्रत्यय और इनके मेल से बने शब्द को तद्धितान्त पद कहा जाता है।

(ଏହି ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ଶେଷରେ ଲାଗୁଥିବା ଶତାଂଶ ସବୁ ପ୍ରତ୍ୟୟ ଅଟେ। ଯେଉଁ ଶତାଂଶ ଧାତୁ, କ୍ରିୟା କିମ୍ବା ଶବ୍ଦର ଶେଷରେ ଲାଗି ନୂଆ ଶବ୍ଦର ନିର୍ମାଣ କରେ, ତାହାକୁ ପ୍ରତ୍ୟୟ କୁହାଯାଏ। ପ୍ରତ୍ୟୟ ଦୁଇ ପ୍ରକାରର କୃତ୍ ପ୍ରତ୍ୟୟ ଓ ତଦ୍ଧିତ ପ୍ରତ୍ୟୟ। ଧାତୁ କିମ୍ବା କ୍ରିୟାର ଶେଷରେ ଲାଗୁଥିବା ପ୍ରତ୍ୟୟକୁ କୃତ୍ ପ୍ରତ୍ୟୟ କୁହାଯାଏ ଏବଂ ତାହାର ମିଶ୍ରଣରେ ଯେଉଁ ଶବ୍ଦ ତିଆରି ହୁଏ ତାକୁ ହୃଦନ୍ତ ପଦ କୁହାଯାଏ। ସଂଜ୍ଞା, ସର୍ବନାମ ବା ବିଶେଷଣ ପରେ ଲାଗୁଥ‌ିବା ପ୍ରତ୍ୟୟକୁ ତଦ୍ଧିତ୍ଵ ପ୍ରତ୍ୟୟ ଏବଂ ସେସବୁର ମିଶ୍ରଣରେ ଯେଉଁ ଶବ୍ଦ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ, ତାକୁ ତଦ୍ଧିତାନ୍ତ ପଦ କୁହାଯାଏ।


2. पाठ में आये इन शब्दों पर ध्यान दीजिए:
: (ପାଠ ମେଁ ଆୟେ ଇନ୍ ଶବ୍ଦା ପର୍ ଧାନ୍ ଦୀଜିଏ : )
(ପାଠରେ ଥ‌ିବା ଏହି ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକ ପ୍ରତି ଧ୍ୟାନ ଦିଅ ।)

– नीम – चमली, दोपहर, जीवन-यात्रा, मरणासन्न।
– इन शब्दों को समास कहा जाता है। परस्पर संबंध रखनेवाले दो या दो से अधिक शब्दों के मेल को समास कहा जाता है।
(ଏହି ଶବ୍ଦ ସବୁକୁ ସମାସ କୁହାଯାଏ । ପରସ୍ପର ସମ୍ବନ୍ଧ ରଖୁଥ‌ିବା ଦୁଇ ବା ଦୁଇରୁ ଅଧ୍ବକ ଶବ୍ଦର ମିଶ୍ରଣକୁ ସମାସ କୁହାଯାଏ ।)
जैसे – नीम और चमेली = नीम-चमेली
दो पहरों का समूह = दोपहर
जीवन की यात्रा = जीवन-यात्रा
मरण को आसन्न (पहुँचा हुआ) = मरणासन्न
– ये शब्द क्रमशः द्वन्द्व समास, द्विगु समास एवं संबंध तत्पुरुष तथा कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण हैं।
(ଏହି ଶବ୍ଦ କ୍ରମଶଃ ଦ୍ବନ୍ଦ୍ବ ସମାସ, ଦ୍ବିଗୁ ସମାସ ଏବଂ ସମ୍ବନ୍ଧ ତତ୍ତ୍ଵପୁରୁଷ ତଥା କର୍ମ ତତ୍‌ପୁରୁଷ ସମାସର ଉବାହରଶା)


3. किसी भी प्राणी, पदार्थ, स्थान, गुण आदि का बोध करानेवाले शब्द को संज्ञा कहा जाता है। इसके पांच भेद हैं:
(କିସୀ ଭୀ ପ୍ରାଣୀ, ପଦାର୍ଥ, ସ୍ଥାନ୍, ଗୁଣ୍ ଆଦି କା ବୋଧ କରାନେୱାଲେ ଶବ୍ଦ କୋ ସଂଜ୍ଞା କହା ଜାତା ହୈ। ଇସ୍କେ ପାଞ୍ଚ ଭେଦ୍ ହୈ : )
(କୌଣସି ପ୍ରାଣୀ, ପଦାର୍ଥ, ସ୍ଥାନ, ଗୁଣ ଆଦି ସୂଚାଉଥ‌ିବା ଶବ୍ଦକୁ ସଂଜ୍ଞା (ବିଶେଷ୍ୟ) କୁହାଯାଏ। ଏହା ପାଞ୍ଚ ପ୍ରକାର।)

(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा (9496169266114) (ख) जातिवाचक संज्ञा (16919664)
(ग) भाववाचक संज्ञा (1614)
(घ) समुदायवाचक संज्ञा (19199 26684)
(ङ) द्रव्यवाचक संज्ञा ( 90491626614 )

निम्न पंक्तियों में रेखांकित किये गये संज्ञा – शब्दों का भेद बताइए:
(ନିମ୍ନ ପଂକ୍ତିଛେଁ ମେଁ ରେଖାଙ୍କିତ୍ କିୟେ ଗୟେ ସଂଜ୍ଞା-ଶବ୍ଦା କା ଭେଦ୍ ବତାଇଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ପଂକ୍ତିଗୁଡ଼ିକରେ ରେଖାଙ୍କିତ ସଂଜ୍ଞା-ଶବ୍ଦର ଭେଦ କୁହ ।)

(क) सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू को समाधि दी गयी है।
उत्तर:
व्यक्तिवाचक संज्ञा

(ख) गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती।
उत्तर:
जातिवाचक संज्ञा

(ग) उनका मुझसे लगाव भी कम नहीं है।
उत्तर:
भाववाचक संज्ञा

(घ) नीम- चमेली की गंध मेरे कमरे में आने लगी।
उत्तर:
व्यक्तिवाचक संज्ञा

(ङ) दिनोंदिन सोने का भाव बढ़ता जा रहा है।
उत्तर:
द्रव्यवाचक संज्ञा

(च) गिल्लू गिलहरियों के झुंड का नेता था।
उत्तर:
समुदायवाचक संज्ञा


4. कठक में दिये गये शब्दों की भाववाचक संज्ञाएँ बनाकर रिक्त स्थान भरिए:
(କୋଷ୍ଠକ ମେଁ ଦିୟେ ଗୟେ ଶବ୍ଦା କୀ ଭାୱାୱାଚକ ସଂଗାଏଁ ବନାକର ରିକ୍ତ ସ୍ଥାନ ଭରିଏ : )
(ବନ୍ଧନୀ ମଧ୍ଯରେ ଦିଆଯାଇଥ‌ିବା ଶବ୍ଦର ଭାବବାଚକ ବିଶେଷ୍ୟ କରି ଶୂନ୍ୟସ୍ଥାନ ପୂରଣ କର । )

(क) कभी किसी की …………………. नहीं करनी चाहिए। ( बुरा)
उत्तर:
बुराई

(ख) परिश्रम करने पर ………………. मिलती है। ( सफल )
उत्तर:
सफलता

(ग) बुजुर्ग की ……………………… से हम मुग्ध हो गये। ( सज्जन )
उत्तर:
सज्जनता

(घ) प्रत्येक मनुष्य को अपने ………………. का ध्यान रखना चाहिए। ( स्वस्थ )
उत्तर:
स्वास्थ्य


5. विशेषण के साथ सही संज्ञा शब्द को मिलाइए :
(ବିଶେଷଣ୍ କେ ସାଥ୍ ସହୀ ସଂଜ୍ଞା ଶବ୍ଦ କୋ ମିଳାଇଏ : )
(ବିଶେଷଣ ସହିତ ଠିକ୍ ବିଶେଷ୍ୟ ଶବ୍ଦକୁ ଯୋଡ଼ ।)
पीली – प्रियजन
नीले – कली
झब्बेदार – बत्ती
स्निग्ध – पूँछ
कर्कश – सन्देश
नीले – कली
दूरस्थ – हरीतिमा
मधु – स्वर
सघन – आँखें
चमकीली – रोएँ
पतली – काँच

उत्तर:
पीली – कली
झब्बेदार – पूँछ
स्निग – रोएँ
कर्कश – स्वर
नीले – काँच
दूरस्थ – प्रियजन
मधु – सन्देश
सघन – हरीतिमा
चमकीली – आँखें
पतली – बत्ती


6. निम्मलिखित शब्दों का विलोम / विपरीत शब्द लिखिए :
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦା କା ବିଲୋମ୍ | ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲିଗ୍‌ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବିଲୋମ/ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ । )
जीवन …………………
विश्वास ………………
आवश्यक ……………….
प्रभात ……………………
सन्तोष ………………….
अपनापन …………………

उत्तर:
जीवन – मरण / मृत्यु
विश्वास – अविश्वास
आवश्यक – अनावश्यक
प्रभात – शाम / संध्या
सन्तोष – असंतोष
अपनापन – परायापन


7. निम्नलिखित वाक्यों में उचित परसर्ग भरिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ୱାର୍କୋ ମେଁ ଉଚିତ୍ ପରସର୍ଗ ଭରିଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକରେ ଠିକ୍ ପରସର୍ଗ ପୂରଣ କର ।)
(i) वह मेरे पैर तक आकर परदे……………………. चढ़ जाता।

उत्तर:
पर,

(ii) सारा लघुगात लिफाफे …………………… बन्द रहता।
उत्तर:
में,

(iii) इस मार्ग ………………. गिल्लू ने मुक्ति की सांस ली।
उत्तर:
से,

(iv) नीम – चमेली की गंध मेरे कमरे …………………. आने लगी।
उत्तर:
में,

(v) फिर गिल्लू …………………….. जीवन का प्रथम वसंत आया।
के


8. उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदल कर लिखिए:
(ଉଦାହରଣ୍ କେ ଅନୁସାର୍ ନିମ୍ନଲିଖ୍ ୱାର୍କୋ କୋ କର୍ମୱାଚ୍ୟ ମାଂ ବଦଲ୍ କର୍ ଲିଗ୍‌ : )
(ଉଦାହରଣ ଅନୁସାରେ ନିମ୍ନଲିଖତ ବାକ୍ୟସବୁକୁ କର୍ମବାଚ୍ୟରେ ପରିବର୍ତ୍ତନ କରି ଲେଖ । )
उदाहरण : महोदवी ने गिल्लू के घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया।
कर्मवाचक में: महादेवी के द्वारा गिल्लू के घावों पर पैंसिलिन का मरहम लगाया गया।

(क) उसने एक अच्छा उपाय खोज निकाला। ………………
उत्तर:
उसके द्वारा एक अच्छा उपाय खोज निकाला गया।

(ख) मैंने उसे थाली के पास बैठना सिखाय। ……………………………..
उत्तर:
मेरे द्वारा उसे थाली के पास बैठना सिखाया गया।

(ग) महोदवी ने उसे तार से खिड़की पर लटका दिया। ……………………
उत्तर:
महादेवी के द्वारा वह तार से खिड़की पर लटका दिया गया।

(घ) हम उसे गिल्लू कहकर बुलाने लगे। ………………………..
उत्तर:
हमारे द्वारा उसको गिल्लू कहकर बुलाया जाने लगा।

(ङ) गिल्लू ने मुक्ति की साँस ली। ………………………
उत्तर:
गिल्लू के द्वारा मुक्ति की साँस ली गयी।


10 लिंग स्पष्ट कीजिए:
(ଲିଙ୍ଗ୍ ସ୍ପଷ୍ଟ କୀଜିଏ : )
(ଲିଙ୍ଗ ନିର୍ଣ୍ଣୟ କର : )
भूख ……………….
गंध ………………..
पानी ……………….
झुण्ड ………………..
दौड़ ………………….
जीवन ………………..
पूँछ ………………
पीढ़ी ……………..

उत्तर:
भूख – स्त्रीलिंग

पानी – पुंलिंग

गंध – स्त्रीलिंग

झुण्ड – पुंलिंग

दौड़ – स्त्रीलिंग

जीवन – पुंलिंग

पूँछ – स्त्रीलिंग

पीढ़ी – स्त्रीलिंग


11. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची रूप लिखिए :
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦା କେ ପର୍ଯ୍ୟାୟବାଚୀ ରୂପ ଲିଖୁଏ : )
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପର୍ଯ୍ୟାୟବାଚୀ ରୂପ)

दीवार – प्राचीर
पुरखे – वंश
आँख – नयन
प्रभात – सुबह
जीवन – जान/जिन्दगी
प्रयत्न – चेष्टा/कोशिश
आवश्यक – जरुरी
घर – गृह


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